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नेताओं का पाला हुआ गुंडा था विकास दुबे, पीछे की असल कहानी | Vikash Dubey Story

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यूपी के कानपुर में एक शातिर सफेदपोश हिस्ट्रीशीटर अपराधी दबिश डालने गए पुलिसकर्मियों पर मोर्चा लेकर ताबड़तोड़ फायरिंग करता है। इस शूटआउट में एक डीएसपी सहित 8 पुलिसकर्मी शहीद हो जाते हैं। आतंकी अंदाज में दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम देने वाला विकास दुबे और उसके साथी फरार हो जाते हैं। पुलिस महकमे में हड़कंप मचता है, मुख्यमंत्री सख्त कार्रवाई के निर्देश देते हैं। पूरा कांड देश की मीडिया की सुर्खियां बनता है, राजनीतिक बयानबाजियां होती हैं। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस की 100 से भी ज्यादा टीमें, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम और यूपी की सीमा से लगे राज्यों की पुलिस भी विकास की तलाश में जुट जाती हैं। इस बीच मुखबिरी व मिलीभगत करने वाले 1 एसओ व 1 चौकी इंचार्ज गिरफ्तार हो जाते हैं, 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर भी कर दिया जाता है, एसटीएफ के एक अधिकारी को भी हटा दिया जाता है। इसके साथ ही 200 पुलिसकर्मी जांच के रडार पर होते हैं। फरार विकास दुबे के सिर पर 5 लाख का इनाम भी हो जाता है। सड़कों, चौराहों और हाईवे पर उसके पोस्टर लगा दिये जाते हैं बावजूद इसके पुलिस उसे 6 दिन तक भी नहीं खोज पाती। यह अपरा...

खादी और खाकी की शह से बड़ा हुआ शातिर खलनायक विकास दुबे

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उस रात जब पुलिस की गाड़ियां गांव के एक रास्ते पर जाकर रूकीं, तो उस वक्त पूरा गांव सन्नाटे और अंधेरे में डूबा हुआ था। कोई नहीं जानता था कि वहां क्या होने वाला है। हाथों में हथियार थामे पुलिसकर्मी थोड़ा आगे बढ़े कि तभी पूरा गांव गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। पुलिसकर्मी बचाव करते हुए जवाबी फायरिंग कर रहे थे, लेकिन दूसरी तरफ से मोर्चा लेकर गोलियों की बौछार की जा रही थी। जिससे संभलना मुश्किल हो गया पुलिसकर्मी गोलियों का शिकार हो गए, बाकी ने छिपकर या भागकर जान बचाई। सुबह तक पता चला कि बदमाशों से हुई मुठभेड़ में 8 पुलिसवाले शहीद हो गए थे। इसके साथ ही वारदात पूरे देश की सुर्खियों में आ गया। यूपी के कानपुर के चौबेपुर थाने के बिकरू गांव को देश के लोग 8 पुलिसकर्मियों से शहादत से पहले शायद ही जानते होंगे, लेकिन अब इस गांव और जो घटना का प्रमुख खलनायक विकास दुबे को लोग जान चुके थे, दशकों तक घटनाक्रम को याद किया जाएगा जिसके किस्से भी होंगे। घटनाक्रम किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से भी बड़ा था। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि कोई अपराधी आखिर इतना बड़ा कैसे हो गया था कि वह इस तरह पुलिस से मोर्चा लेकर सीधे गोलियां दा...

क्यों हुआ बाबा की दवा और दावे पर विवाद, क्या सही हो सकते हैं मरीज? Baba Ramdev

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- बाबा रामदेव को उम्मीद थी कि उनकी दवा बाजार में आते ही धूम मचा देगी योग और गुस्से का कोई तालमेल नहीं होता, लेकिन बाबा रामदेव कोरोना काल में बनाई गई अपनी दवा को लेकर उपजे विवाद के बाद गुस्से में आ गए। हरिद्वार स्थित पतंजलि संस्थान में प्रेस वार्ता में बोल पड़े कि उनके खिलाफ ऐसे एफआईआर दर्ज करा दी गईं जैसे किसी आतंकवादी के खिलाफ एफआईआर होती हैं। बाबा को यह नहीं कहना पड़ता यदि उनकी दवा और दावे पर कोई सवाल नहीं उठाता, लेकिन विवाद ऐसा हुआ कि बात एफआईआर से लेकर हाईकोर्ट तक पहुंच गई। दरअसल बाबा रामदेव ने ‘दिव्या कोरोना किट’ लांच की। इस किट में तीन तरह की डिब्बियां शामिल थीं। उनका दावा था कि उनकी दवाओं के सेवन से कोरोना नहीं होगा। दावा यह भी था कि वह इसे कई लोगों पर आजमा चुके हैं। दावा पूरे जोश के साथ किया गया था लिहाजा मीडिया में भी जमकर प्रचार हुआ।           बाबा रामदेव को उम्मीद थी कि उनकी दवा बाजार में आते ही धूम मचा देगी। उनका प्रोडेक्ट कमाई के रिकार्ड तो तोड़ देगा। उन्होंने कहा भी था कि दवा सात दिनों में पतंजलि स्टोरर्स पर मिलेगी इसलिए उसके लिए हायतौबा न...