दादा नाना थे देशभक्त खुद बना डॉन Mukhtar Ansari Ki Kahani

 यूपी के गाजीपुर में जन्मा मुख्तार अंसारी कभी एक साधारण लड़का हुआ करता था। उसकी क्रिकेट में खास रूची थी। जब वह बैट लेकर मैदान में

उतरता था, तो साथ के लड़के तालियां बजाया करते थे और कहते थे कि वह एक दिन नामी क्रिकेटर बनेगा, लेकिन जिंदगी कब किसको किस मोड़ पर ले जाए, इस बात को कोई नहीं जानता। मुख्तार के साथ भी, कुछ ऐसा ही हुआ। बुरी संगत ने उसे बिगाड़ दिया। गलत राह शुरूआत सिनेमाहाल में टिकट ब्लैक करने से हुई। मुख्तार की कहानी में सामाजिक पहलू यह है कि यदि टाइम से सही दिशा की तरफ कदम बढ़ाए होते, तो आज वह इस रूप में नहीं होता। मुख्तार के दादा डॉ0 मुख्तार अहमद अंसारी, गांधीवादी विचारधारा के पक्के देशभक्त थे। वह जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के फाउंडरों में से एक फाउंडर थे। उनके नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान अंसारी देश के लिए आगे रहे। उन्हें महावीर चक्र भी मिला। मुख्तार अंसारी का परिवार रईस रहा है। वह यदि छात्र जीवन से सही रहता, तो वह नामी क्रिकेट प्लेयर बन सकता था। Watch Full Story-https://youtu.be/w_RQs4d7Yy4

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