अफसर बनना चाहता है Amroha Wali shabnam Ka Beta

मैं शबनम को बेटा हूं, लेकिन मेरी परवरिश जिनके पास हो रही है, अब वहीं मेरे माता-पिता हैं। वह मुझे, दिल-ओ-जान से भी ज्यादा प्यार करते हैं। उनके साये में, मेरी ख्वाहिशें अधूरी नहीं हैं। इस पूरी दुनिया में, मेरे लिए एक वही तो हैं, जिन्होंने इंसानियत के नाते, बड़े दिल वाला बनकर मुझे अपनाया है। हमारी छोटी सी दुनिया खुशियों से आबाद रहे। 

वह बेटा कुछ ऐसा ही कहता है। शबनम की कहानी का यह इकलौता सामाजिक पहलू है कि एक दंपत्ति उस्मान और वंदना ने उसे गोद लिया। उसके दिल में उम्मीदें हैं, उसकी आंखों में बहुत सारे अधूरे सपने हैं, जिन्हें वह पूरा करना चाहता है। उस्मान और वंदना भी उसके सपनों को पंख दे रहे हैं, क्योंकि यह बेटा अफसर बनना चाहता है। इस बेटे से जब हम मिले, तो लगा कि वह अपनी उम्र से भी ज्यादा समझदार है। शबनम ने भी उसे एक बात समझाई थी, कि तुम पढ़ लिखकर एक दिन, ईमानदार और नेक इंसान बनना। समाज की भी यह जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वह कुछ ऐसा कतई न करे कि गुनाह करने वाली मां की कोख से जन्म लेने की कीमत किसी भी रूप में उसके बेटे को कतई न चुकानी पड़े। वह किसी भेदभव का शिकार न हो और उसकी परवरिश खूब बेहतर होनी चाहिए। Full Story Link- https://youtu.be/icWxf1MvQg0

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