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क्योंकि अब्दुल कलाम निर्विवाद इंसान थे!

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-नितिन शर्मा ‘सबरंगी’ देश के 11 वें राष्ट्रपति मिसाइलमैन डॉ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम को यकीनन कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्हें देश के लोग इसलिए भी ज्यादा पसंद करते थे क्योंकि उनके विचार जाति-धर्म से ऊंचे थे और वह निर्विवाद थे। वह इस बात की मिसाल भी थे कि एक मामूली गरीब परिवार से किस तरह उन्होंने बुलन्दियों को छुआ। ऐसे लोग कम ही होते हैं जो हौंसलों की उड़ान इस तरह भरते हैं।  18 जुलाई, 2002 को डॉक्टर कलाम को नब्बे प्रतिशत बहुमत द्वारा 'भारत का राष्ट्रपति' चुना गया था और इन्हें 25 जुलाई 2002 को संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई। इस संक्षिप्त समारोह में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य तथा अधिकारीगण उपस्थित थे। इनका कार्याकाल 25 जुलाई 2007 को समाप्त हुआ। भारत के अब तक के सर्वाधिक लोकप्रिय व चहेते राष्ट्रपतियों में से एक डॉ. अबुल पाकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम ने तमिलनाडु के एक छोटे से तटीय शहर रामेश्वरम में अखबार बेचने से लेकर भारत के राष्ट्रपति पद तक का लंबा सफर तय किया है। पूर्व राष्ट्रपति अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल ...