संदेश

2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
चित्र
काली कमाई का बड़ा कुबेर -इंजीनियर की दौलत से हर कोई हैरान  -20 साल में बनाया करोड़ों का साम्राज्य यादव सिंह व उसकी आलीशान कोठी। -नितिन शर्मा ‘सबरंगी’  नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के सस्पेंड हो चुके चीफ इंजीनियर यादव सिंह का नाम आयकर के शिकंजे में आने के बाद अचानक राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया। यह सुर्खियां उसे करोड़ों की काली कमाई की कलयुगी बाजीगरी के चलते मिली। आगरा के एक छोटे से गांव निकलकर वर्ष 1980 में अपनी नौकरी शुरू करने वाला मामूली इंजीनियर इतना बड़ा धनपति बन गया कि उसने कमाई के मामलों में बड़े-बड़ों को पछाड़ दिया। कुछ सालों में उसने देश-विदेश में इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा कर दिया कि हर कोई हैरानी से उसकी चर्चा करता है। राजनीति को सुरक्षा कवच बनाकर उसने बेशुमार दौलत कमायी। उसके जानकार बताते हैं कि वह सभी काम दौलत के तराजू में ही तौलता था। उसे शोहरत नहीं बल्कि दौलत व रसूख से लगाव था। करोड़ों रूपये उसकी कारों, घरों व लॉकरों में पड़े रहते थे। उसने इतना माल बटोरा कि खुद भी ठीक से संभाल नहीं पा रहा था। काली कमाई की ऐसी दिवानगी अक्सर यादव सिंह जैसे लोगों ...
चित्र
नरेन्द्र मोदी का नायक बनना -नितिन शर्मा ‘सबरंगी’ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में जनता ने उम्मीदों से नरेन्द्र मोदी को अपना नायक चुना। आस्था, विश्वास व अपेक्षा के माहौल में यकीनन चमत्कारी व ऐतिहासिक करवट रही। बात राजनीति की नहीं उन हालातों की है जिनसे देश गुजर रहा था। जनता को कठपुतली बनाकर जले पर नमक डाला जा रहा था। बयानबाजियों में अंहकार व गुरूर झलकता था। यदि ऐसा नहीं होता, तो जनता तख्ता पलट क्यों करती ? यूं भी जनता किसका तख्ता पलट दे कोई नहीं जानता, मौका मिलते ही वह गलतफहमी दूर कर देती है क्योंकि वक्त के बाद व ही सबसे बड़ी ताकत है। 55 करोड़ 10 लाख मतदाताओं ने इसे साबित भी कर दिखाया। समझ आ गया होगा कि जनता किसी की गुलाम नहीं होती! जिनकी गलतफहमी दूर हुई है वह मंथन करें कि लोकसभा-2014 में इतिहास ने आखिर करवट क्यों ली? नेताओं को सत्ता के गुरूर, मनमानी, भ्रष्टाचार के कीर्तिमान, झूठे किले खड़े करके सिंघासन सजाने की गलतफहमी से निकल जाना चाहिए। त्रस्त जनता के बीच नरेन्द्र मोदी अनोखी छवि बनाकर उभरे ओर दिलों पर छा गए। लोगों ने पार्टी को नहीं व्यक्ति का चुनाव किया। युवाओं ने उन्हें पसंद क...
चित्र
देशभक्त जवानों पर गंदी राजनीति न कीजिए! वतन की हिम्मत सैनिकों से है, राजनीति से नहीं -नितिन सबरंगी विवादित बयानबाजी में कुख्यात हो चुके यूपी के ताकतवर मंत्री आजम खां ने कहा कि करगिल का युद्व मुस्लिम सैनिकों ने लड़ा.....कुर्बानी देने वाले मुस्लिम थे...ओर भी बहुत कुछ। कहना पड़ेगा कि राजनीति वाकई हद दर्जे तक गिर गई है। इसीलिए अलोकतांत्रिक, मूर्खतापूर्ण ओर शर्मनाक बयान आया। आजम साहब को कौन समझाये कि सरहदों की हिफाजत करने वाले राजनीति से आजाद होते हैं। उनकी सोच घिनौनी ओर अपाहिज नहीं होती, कोई लालच भी नहीं होता। फर्ज के प्रति ईमानदारी उन की सबसे बड़ी दौलत होती है। सवाल यह है कि ऐसा कहकर सैनिकों को क्यों राजनीति में ला रहे हैं। कुर्बानियों पर सियायत क्यों कर रहे हैं? जनाब एक वही तो है जिनकी बदौलत हम महफूज सोते हैं। आप जैसे नेताओं के हाथ सरहदें नहीं दी जा सकती, क्या भरोसा सरहदों का भी सौदा कर दें क्योंकि राजनीति अब फर्ज नहीं सिर्फ मुनाफा देखती है। वैसे जनाब करगिल युद्व किसी हिन्दू-मुसलमान ने नहीं बल्कि भारत के सच्चे देशभक्त जवानों ने जीता था, भारतीयों ने जीता था, हिन्दुस्तानियों ने ...