बाबा इच्छाधारी देह का व्यापारी
शिवमूर्त द्विवेदी खुद को साईं भक्त बताता था। उसने अपना नाम रखा था इच्छाधारी संत स्वामी भीमानंद जी महाराज चित्रकूट वाले। उसके सैंकड़ों भक्त थे, लेकिन साईं भक्ति व भगवा चोले की आड़ में वह देश का सबसे बड़ा सैक्स रैकेट चला रहा था। इच्छाधारी इस बाबा का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ था। उसके रैकेट में 500 से ज्यादा स्कूली छात्राओं, मॉडल्स, छोटे पर्दे की कलाकारों, एयर होस्टेस से लेकर घरेलू महिलाएं तक थीं। र्ध्म की आड़ में वह करोड़ों की सम्पत्ति का वारिस बन गया। दूसरों को धर्म व नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाला खुद अनैतिकता में लिप्त था। कई नेताओं, पुलिस अधिकारियों व करोड़पतियों से उसके संबंध रहे। इच्छाधारी की जब पोल खुली तो दिल्ली पुलिस के अलावा उसके भक्त भी चौंक गए। वह आपराधिक पृष्ठभूमि का भी स्वामी था। (सम्पूर्ण कहानी मनोहर कहानियाँ के अप्रैल,2010 अंक में) कुछ हिस्सा... शॉम ढलने के साथ ही देश की राजधानी दिल्ली की रंगीनियां भी बढ़ जाती हैं। शॉपिंग माल्स, होटलों व सड़कों पर लंबी चमचमाती कारों का कापिफला भी सड़कों के सीने पर दौड़ता हुआ नजर आने लगता है। एक करोड़ की आबादी वाली राजधानी में सड़क चलते लोग एक-दूसरे को कम ही जानते हैं। व्यस्त जीवन शैली में दिन की थकान उतारने के लोगों के अपने-अपने तरीके हैं। कोई शॉपिंग करता है, कोई फिल्म देखने जाता है, कोई घूमना पसंद करता है तो कोई सीधे बिस्तर का रूख करके नींद के आगोश में चला जाता है। दक्षिणी दिल्ली स्थित पीसीआर मॉल हर रात की तरह 25 पफरवरी,2010 की रात भी रंग-बिरंगी रोशनी से नहाया हुआ था। मॉल के अंदर और बाहर लोगों की खासी भीड़ थी। एक से एक महंगी कारें वहां कतारबद्व खड़ी हुईं थीं। कारों ओर लोगों की इसी भीड़ के बीच एक सिल्वर कलर की होंडा स्विक कार भी वहां आकर रूकी। इस कार का नंबर था-डीएल-4सीएए-0300। कार की चमक ओर उसके नंबर को देखकर ही पता चल रहा था कि उसमें कोई ऊँचें रसूख वाला शख्स सवार था। कार के रूकते ही उसकी बायीं सीट से एक शख्स नीचे उतरा। लंबी-चौड़ी कदकाठी के वारिस जींस व टीशर्ट पहने उस शख्स के चेहरे पर डाढी व मूंछ होने के साथ ही लंबे बाल भी थे। इन बालों को उसने फैशनेबल अंदाज में पीछे करके रबड़ बैंड लगाया हुआ था। उसके चेहरे पर अनोखा तेज था। उसके सिर से लेकर नख तक रईसी की झलक थी। उसके हाथों में सोने की अंगूठियों के अलावा एक कलायी पर बेशकीमती रिस्टवॉच व दूसरी कलायी पर सोने का ब्रेसलेट था जबकि गले में मोटी गोल्डन चेन थी.....
शिवमूर्त द्विवेदी खुद को साईं भक्त बताता था। उसने अपना नाम रखा था इच्छाधारी संत स्वामी भीमानंद जी महाराज चित्रकूट वाले। उसके सैंकड़ों भक्त थे, लेकिन साईं भक्ति व भगवा चोले की आड़ में वह देश का सबसे बड़ा सैक्स रैकेट चला रहा था। इच्छाधारी इस बाबा का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ था। उसके रैकेट में 500 से ज्यादा स्कूली छात्राओं, मॉडल्स, छोटे पर्दे की कलाकारों, एयर होस्टेस से लेकर घरेलू महिलाएं तक थीं। र्ध्म की आड़ में वह करोड़ों की सम्पत्ति का वारिस बन गया। दूसरों को धर्म व नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाला खुद अनैतिकता में लिप्त था। कई नेताओं, पुलिस अधिकारियों व करोड़पतियों से उसके संबंध रहे। इच्छाधारी की जब पोल खुली तो दिल्ली पुलिस के अलावा उसके भक्त भी चौंक गए। वह आपराधिक पृष्ठभूमि का भी स्वामी था। (सम्पूर्ण कहानी मनोहर कहानियाँ के अप्रैल,2010 अंक में) कुछ हिस्सा... शॉम ढलने के साथ ही देश की राजधानी दिल्ली की रंगीनियां भी बढ़ जाती हैं। शॉपिंग माल्स, होटलों व सड़कों पर लंबी चमचमाती कारों का कापिफला भी सड़कों के सीने पर दौड़ता हुआ नजर आने लगता है। एक करोड़ की आबादी वाली राजधानी में सड़क चलते लोग एक-दूसरे को कम ही जानते हैं। व्यस्त जीवन शैली में दिन की थकान उतारने के लोगों के अपने-अपने तरीके हैं। कोई शॉपिंग करता है, कोई फिल्म देखने जाता है, कोई घूमना पसंद करता है तो कोई सीधे बिस्तर का रूख करके नींद के आगोश में चला जाता है। दक्षिणी दिल्ली स्थित पीसीआर मॉल हर रात की तरह 25 पफरवरी,2010 की रात भी रंग-बिरंगी रोशनी से नहाया हुआ था। मॉल के अंदर और बाहर लोगों की खासी भीड़ थी। एक से एक महंगी कारें वहां कतारबद्व खड़ी हुईं थीं। कारों ओर लोगों की इसी भीड़ के बीच एक सिल्वर कलर की होंडा स्विक कार भी वहां आकर रूकी। इस कार का नंबर था-डीएल-4सीएए-0300। कार की चमक ओर उसके नंबर को देखकर ही पता चल रहा था कि उसमें कोई ऊँचें रसूख वाला शख्स सवार था। कार के रूकते ही उसकी बायीं सीट से एक शख्स नीचे उतरा। लंबी-चौड़ी कदकाठी के वारिस जींस व टीशर्ट पहने उस शख्स के चेहरे पर डाढी व मूंछ होने के साथ ही लंबे बाल भी थे। इन बालों को उसने फैशनेबल अंदाज में पीछे करके रबड़ बैंड लगाया हुआ था। उसके चेहरे पर अनोखा तेज था। उसके सिर से लेकर नख तक रईसी की झलक थी। उसके हाथों में सोने की अंगूठियों के अलावा एक कलायी पर बेशकीमती रिस्टवॉच व दूसरी कलायी पर सोने का ब्रेसलेट था जबकि गले में मोटी गोल्डन चेन थी.....
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