इंद्राणी मुखर्जीः अपने ही बुने जाल में फंस गई शातिर औरत


अर्श से फर्श पर गिरकर कैसी तड़प होती है? इस हकीकत को सलाखों के पीछे अपने ही बुने जाल में फंसी इंद्राणी से बेहतर शायद ही कोई दूसरा बता पाए। जेल की जिंदगी उसे कांटे की तरह चुभ रही है और वह बाहर निकलने के लिए छटपटा रही है। इंद्राणी मुखर्जी कभी गुवाहटी की एक मामूली लड़की हुआ करती थी। वह आधुनिकता की अंधी दौड़ में शरीक होने का ख्वाब देखती थी। ऐसे ही ख्वाब ने उसे अति महत्वाकांक्षी बना दिया। उसने नारी सीमाओं को ताक पर रखा ओर रिश्तों के अजीब जाल में उलझती चली गई। उसकी किस्मत के सितारे बुलन्दी पर पहुंचे, तो एक दिन इंद्राणी मीडिया जगत की नामी हस्ती बन चुकी थी। दौलत उसके कदम चूमती थी ओर वह दुनिया की 50 पावरफुल महिलाओ की सूची में शामिल थी। शोहरत व दौलत के शिखर पहुंचकर संतुलन बनाए रखना हर किसी के वश में नहीं होता। इंद्राणी पर भी दौलत व शोहरत का ऐसा नशा हावी हुआ कि वह सुधुबुध खो बैठी। उसने एक बड़ा गुनाह करके राज को ही दफन कर दिया, लेकिन राजदार रहा शख्स उसका ड्राइवर श्यामराय हथियार तस्करी मामले में पुलिस पकड़ा गया, तो उसने ऐ
सा राजफाश किया जिसने पूरे देश में तहलका मचा दिया। मुंबई की खार पुलिस ने इंद्राणी को गिरफ्तार कर लिया। दरअसल उजले चेहरे वाली इन्द्राणी ने अपनी 22 साल की खूबसूरत बेटी शीना का कत्ल कर उसे बेहद शतिराना अंदाज में दफना दिया था। उसने मां-बेटी के खूबसूरत रिश्ते का भयानक अंत कर दिया था। मुंबई पुलिस आयुक्त राकेश मारिया ने केस को चुनौती की तरह लिया। जेल में बंद इंद्राणी ने अपने गुनाह से न केवल नारी की छवि पर ही सवाल खड़े कर दिए बल्कि सनसनीखेज दास्तान का काला पन्ना भी बन गई। सलाखों की जिंदगी अब उसे बोझिल लगी रही है। यकीनन कभी उसने ऐसा सोचा होता, तो ऐसी नौबत नहीं आती।

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