इज्जत की खातिर सजा-ए-मौत
सलाखों के पीछे पुलिस गिरफ्त में बैठे उस नौजवान के चेहरे पर चिंता की लकीरों का नाम-ओ-निशान नहीं था। बल्कि अपने किये पर जैसे उसे गर्व महसूस हो रहा था। उसने किसी ओर को नहीं बल्कि अपनी जवान बहन की बेरहमी से गला काटकर हत्या कर दी थी। बहन की मौत के परवाने पर दस्तख्त उसने समाज में अपने परिवार की इज्जत बचाने की खातिर किये, लेकिन क्या वाकई उसकी इज्जत बची? इसका जवाब खुद उसके पास भी नहीं था। मामला उत्तर प्रदेश का है।
पुलिस क लिये उस सुबह का आगाज अच्छा नहीं रहा। एक युवक दौड़ता हुआ थाने आया। उसके कपड़ों पर खून के धब्बे लगे हुए थे। उसके दाएं हाथ में तेजधार वाला छुरा था जिस पर खून लगा हुआ था। युवक ने बताया कि उसने बदनामी की वजह बनी अपनी बहन का कत्ल कर दिया है। पुलिस ने मृतका का खून से लथपथ शव बरामद किया। पूछताछ में चौंकाने वाली बात सामने आयी। दरअसल 19 वर्षीया शाइस्ता को मोहब्बत का तराना गुनगुनाना मौत की चौखट पर ले गया था। वह बी.ए. प्रथम वर्ष की पढ़ायी कर रही थी। इसी दौरान एक युवक से वह प्यार करने लगी थी। कातिल भाई इमरान को अपने किये का जरा भी पछतावा नहीं था। बकौल इमरान-‘शाइस्ता के कारण समाज में हो रही बेइज्जती बर्दाश्त नहीं हो रही थी। मैंने उसे बहुत समझाया वह नहीं मानी। जब तक वह खत्म नहीं हो गई मैं उसे काटता रहा। मुझे अब कोई अफसोस नहीं है।’ जिस इज्जत के लिये उसने कत्ल किया क्या वह बची? शायद नहीं, लेकिन प्रेमियों को इज्जत के नाम पर ऐसी सजा दिये जाने का सिलसिला जारी है।...

टिप्पणियाँ