शिमला की वादियों में हुआ क्रूर कत्ल
आईआईटी रूड़की का छात्रा गौरव वर्मा व आईआईटी दिल्ली की टैक्सटाईल इंजीनियरिंग की छात्रा प्रगति टिब्बरवाल एक-दूसरे को प्यार करते थे। उनका प्यार कुछ ऐसे परवान चढ़ा कि आजादी का लाभ उठाकर दोनों के मर्यादाओं को लांघ दिया। गौरव ने अपना जन्म दिन शिमला जाकर मनाना चाहा, तो प्रेमी की खुशी के लिये प्रगति तैयार हो गई। रसिक होटल के रूम नंबर-26 में दोनों ने केक काटकर व शराब पीकर जन्म दिन का जश्न मनाया। दोनों शादी करना चाहते थे। अतीत के सच्चाई जानने के दौर में गौरव के सामने तीसरे का जिक्र आया, तो उसके दिल में नपफरत ने जन्म ले लिया ओर वह प्रगति के चरित्र पर शक कर बैठा। उसने प्रगति को सबक सिखाने का पफैंसला किया ओर बीयर की बोतल से सिर में प्रहार कर व जन्म दिन का केक काटने वाले चाकू से ही काटकर प्रगति की हत्या कर दी। (सत्यकथा के मई,2010 अंक में प्रकाशित कहानी के कुछ अंश) -मौसम चाहे जो भी शिमला का वातावरण हमेशा दिल को लुभावने वाला ही रहता है। प्राकृतिक सौंदर्य का हर रंग आँखों को लुभावना लगता है। फुरसत व जिंदगी के कई लम्हों को यादगार बनाने आने वाले लोगों का शिमला में तांता लगा रहता है। सैलानियों व शिमला का जैसे जन्म-जन्मांतर का नाता है। शिमला में शांत वातावरण व सामाजिक व्यवस्था का ऐसा असर है कि छिटपुट घटनाओं को यदि छोड़ दिया जाये, तो यहां अपराध कम ही घटित होते हैं। यह स्थिति कानून व समाज दोनों के लिये ही अच्छी कही जा सकती है, लेकिन शनिवार 27 फरवरी,2010 की सुबह का आगाज जितना शांत व खूबसूरत हुआ था दोपहर होते-होते वह उतना ही सनसनीखेज हो गया। क्या पुलिस क्या मीडिया सभी विक्ट्री टनल, मॉल रोड के नजदीक स्थित होटल रसिक की तरफ दौड़ पड़े थे।  सूचना पाकर बालूगंज थाना प्रभारी गुरदीप सिंह मय पुलिस बल के होटल पहुंचे गए थे। बेड पर एक युवती की खून से लथपथ लाश पड़ी हुई थी ओर उसके बदन से कपड़े नदारद थे।  पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया तो वहां से एक लैपटॉप, पैन ड्राइव, शराब व बीयर की खाली बोलत, चाकू, पर्स से सौन्दर्य प्रशासन, एटीएम कार्ड व कपड़े आदि समान बरामद हुआ। इस सबके बीच खास बात यह थी कि एक छोटा केक भी टेबल पर रखा हुआ था। जिसमें से टुकड़ा कटा हुआ था और.......

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