आसाराम बापू संत है या भूमाफिया?
आसाराम बापू... जी हाँ! आसाराम बापू एक एसा नाम जिसको सुनते ही लोग सम्मान से सिर झुका देते है आज उसी नाम को विवादों मे घसेटा जा रहा है. कोई उन्हें जमीन हड़पने वाला बता रहा है तो कोई भू- माफिया कह रहा है. कहते है साधू संतों का मोह, माया और स्वाद से कोई काम नहीं होता लेकिन यहाँ तो उलटी गंगा बह रही है. भक्ति का बाबा बाजार हमारे देश मे खूब फल फूल रहा है. धर्म और आस्था के नाम पर जनता हमेसा से लुटती आयी है. बस जनता की नब्ज टटोलने वाली शातिर उंगलिओ की जरूरत होती है. आसाराम बापू पर ६५ हजार वर्ग मीटर जमीन पर कब्ज़ा करने का आरोप है. कोर्ट ने जमीन को कब्ज़ा मुक्त करने के आदेश दिए है. इसके बाद गुजरात सरकार ने भी सख्त रुख अपना लिया है और नोटिस दे दिया है. शिकायतकर्ता कई साल से जंग लड़ रहा था, लेकिन बापू तो बापू थे. बापू के आश्रम पर आरोपों की लिस्ट लम्बी है. काला जादू और बच्चों के योन उत्पीडन के आरोप जग जाहिर है. बापू अपने ४० साल के भक्ति सफ़र में आज करोड़ों के मालिक है. अपनी दोलत का अंदाजा शायद उन्हें खुद भी ना हो क्योकि आरोप लगते ही वह उसे भक्तों की बता सकते है. उनकी सोहरत कुछ इस तरह है की देश-विदेश में उनके करोडो भक्त है. बापू साल में करीब १४० करोड़ कमाते है. ९६ करोड़ की आमदनी तो केवल सत्संग से ही बताई जाती है. लोग कहते है की भला साधू संतों का मोह, माया से क्या काम. बापू पर अहमदाबाद, सूरत, रतलाम, इन्दोर, वर्ना, छिडवाडा, पुष्कर, मोटेरा में भी जमीन कब्जाने के आरोप है. इसमे सरकारी जमीने भी शामिल है. एक जगह जमीन पाने के लिये तो उनके बेटे ने खुद को किसान भी बता डाला इसका सबूत सामने आ चुका है. दयानंद शर्मा नामक बुजुर्ग के तो ४ केस आश्रम पर चल रहे है. वेसे तमाम विवादों पर बापू साफ कर चुके है कि वह सियासत कि साजिश का शिकार हो रहे है. आश्रम कि प्रवक्ता नीलम दुबे बापू पर लग रहे आरोपों का पुरजोर खंडन कर रही है. बापू के खिलाफ आखिर साजिश क्यों कि जा रही है? इसका माकूल जवाब वो नहीं दे रहे. सबूत बोले, आरोप चाहे जो हों, कोर्ट भी चाहे कब्ज़ा हटाने को कहे, लेकिन जय हो बापू की जो मोह, माया से दूर रहकर भी इतना कुछ कर दीखाया

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